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अक्सर लोग यह समझते हैं कि जाड़ो में लोगों को पानी की कमी नहीं सकती। लेकिन यह बात सच नहीं है। जाड़ों में भी शरीर का पानी कम हो सकता है। सर्दियों के आते ही हम लोगों की जीवन शैली में परिवर्तन देखने को मिलता है। ठंकक होने की वजह से हम लोग पानी कम पीने लगते हैं। या यूं कहें कि हम लोग पानी पीने से बचने लगते हैं। ऐसा करने से भी हमारे शरीर में पानी की उचित मात्रा नहीं रहती है। ऐसा करना हमारे लिये बीमारी का आमंत्रण देना होता है।
गर्मियों में तो हर किसी को प्यास लगती है तो दस बारह गिलास पानी हर कोई आसानी से पी जाता है। लेकिन सर्दियों में इतना पानी पीना संभव नहीं होता है। जिस तरह से गर्मियों में शरीर से पानी निकल जाता है वैसे ही सर्दियों में मानव के शरीर से पानी कम हो जाता है।
सर्दियों का मौसम आते ही हमारी जीवन शैली में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। इन्हींं बदलावों में से एक है पानी पीने की आदत में कमी आना। सर्दियों में प्यास कम लगने की वजह से हम पानी पीना भूल जाते हैं। लेकिन ऐसा करना हानिकारक हो सकता है।
तापमान के साथ ही सर्दियों के मौसम ने दस्तक दे दी है। सर्दी का सीजन आते ही हमारे दिनचर्या और जीवन शैली में भी काफी बदलाव आने लगते हैं। गर्मियों में बढ़ते तापमान और गर्मी के कारण प्यास लगने की वजह से हम लगातार पानी पीते रहते हैं। लेकिन सर्दी में ठंड और कम प्यास लगने की वजह से अक्सर पानी पीना भूल जाते हैं। वहीं, कई लोगों का ऐसा भी मानना है कि सर्दियों में ज्यादा पानी पीने की जरूरत नहीं होती है। लेकिन क्या असल में इस बात में कोई सच्चाई है? तो चलिए जानते हैं सर्दियों में कितना पानी पीना शरीर के लिए जरूरी है।
आपके लिये यह जानना जरूरी होता है कि सर्टियों में हम लोगों को कितना पानी पीना चाहिये जिससे शरीर में पानी की कमी न हो। डाक्टरों के अनुसार हम लोगों को जाड़े में भी कम से कम पांच गिलास पानी पीना चाहिये।
यह जानकारी विभन्न पत्र पत्रिकाओं से पढ़ कर दी जा रही है। वेबसाइट इस बात का दावा नही कर रही है।