supriyo
Central Min. Babul Supriyo Denied to oppolise from Nation

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लगभग दो माह पूर्व बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो ने बीजेपी की राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। यह भी कह दिया कि में सांसद पद से भी इस्तीफ भी दे रहा हूं। लेकिन यह बात सिर्फ फेसबुक तक ही रही। अचानक उनका टीएमसी प्रेम जाग्रत हुआ और उन्होंने महासचिव अभिषेक बनर्जी और डेरेक ओ ब्रायन की मौजूदगी में टीएमसी का दामन था लिया। लौट के बाबुल टीएमसी में वापस आये। शनिवार टीएमसी ने भी सारे गिले शिकवे भुला कर बाबुल सुप्रियों को टीएमसी में शामिल कर लिया। सुप्रियो की वापसी में मुकुल रॉय की हहम् भूमिका रही जिनके संपर्क में बाबुल काफी समय से थे। इन बयानों के कुछ समय बाद ही उन्होंने ममता दीदी का हाथ थाम लिया है।
पिछले दस सालांे से बाबुल सुप्रियो भाजपा की राजनीति कर रहे थे। भाजपा के टिकट पर दो बार आसनसोल से सांसद भी रहे। पिछले विधानसभा में बीजेपी ने उन्हें टॉलीगंज से उम्मीदवार भी बनाया थां लेकिन वो चुनाव जीत न सके तभी से वेस्ट बंगाल भाजपा में उनकी अहमियत कम होने लगी। प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और स्थानीय नेता उनकी अनदेखी करने लगे। इससे सुप्रियो पार्टी में घुटन भी महसूस करने लगे थे। इसी बीच मोदी सरकार नें उनसे मंत्री पद भी छीन लिया। यह बात बाबुल सुप्रियों को अंदर अंदर परेशान कर रही थी। उन्होंने अपने दर्द का बखान सोशल मीडिया पर दर्शाया था। इस बात से भाजपा नाराज भी हुई थी और उन्हें मर्यादा में रहने की बात भी कही गयी। बाबुल सुप्रियो ने भी कई बार बयान दिये कि भाजपा उनकी आखिरी पार्टी रहेगी। जनता की सेवा के लिये राजनीति में रहना आवश्यक नहीं है। आखिरकार उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने की बात भी कही। लेकिन पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के समझाने पर सांसदी से इस्तीफा नहीं दिया। लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद बाबुल की हालत लंगड़े घोड़े जैसी हो गयी थी। दूसरी ओर टीएमसी से बीजेपी आये सुबेंदु अधिकारी को प बंगाल बीजेपी कुछ ज्यादा ही तवज्जो दी जाने लगी थी इससे बाबुल को काफी असहजता महसूस हो रही थी। सुवेंदु के बढ़ते कद की वजह से बीजेपी के अन्य स्थानीय नेता भी काफी हताश हो रहे थे।
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान सुप्रियो ने टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी के खिलाफ जमकर हमला बोला था। तब उन्हें इस बात का गुमान भी नहीं था कि प बंगाल में भाजपा को करारी मात मिलेगी। ममता दीदी का जादू एक बार फिर सिर चढ़ कर बोलेगा। जनता ने ममता बनर्जी की सरकार बनाने में भरपूर सहयोग किया।

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