अम्फान प्रभावित बंगाल को 1000 करोड़ की तत्काल मदद, ममता की तारीफ भी…लेकिन पीएम मोदी ने यूं इशारों में दिया राजनीतिक संदेश


Edited By Chandra Pandey | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

नई दिल्ली/कोलकाता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 83 दिनों बाद शुक्रवार को दिल्ली से बाहर निकले। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ सूबे में अम्फान तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद पीएम ने पश्चिम बंगाल के लिए 1,000 करोड़ रुपये की तात्कालिक मदद का ऐलान किया। साथ में वह राजा राममोहन राय के बहाने एक बारीक राजनीतिक संदेश भी दे गए।

हवाई सर्वेक्षण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने बशीरहाट में ममता बनर्जी की मौजूदगी में बयान जारी किया। इस दौरान उन्होंने राज्य के लिए 1 हजार करोड़ की तात्कालिक मदद के अलावा मृतकों के परिजनों व घायलो को मुआवजे का ऐलान किया। प्रधानमंत्री ने कोरोना और अम्फान तूफान के रूप में एक साथ दो अलग-अलग लड़ाइयां लड़ रहीं ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए केंद्र के सहयोग का भरोसा दिया। संयोग से शुक्रवार को ही महान समाज सुधारक और आधुनिक भारत के निर्माता कहे जाने वाले राजा राम मोहन राय की जयंती भी है। लिहाजा पीएम ने इस मौके को लपकते हुए बड़े ही करीने से राजनीतिक संदेश भी दे दिया। पीएम ने इस मौके पर खुद के ‘बंगाल की पवित्र धरती पर होने’ का खास अंदाज में जिक्र किया।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज समग्र देश को जिनके लिए गौरव है, ऐसे राजा राममोहन राय जी की जन्मजयंती है। इस मौके पर मेरा पश्चिम बंगाल की इस पवित्र धरती पर होना मन को छूने वाली बात होती है लेकिन संकट की घड़ी से जूझ रहे हैं। मैं इतना ही कहूंगा कि राजा राममोहन राय जी हम सबको आशीर्वाद दें ताकि समयानुकूल समाज परिवर्तन के जो उनके सपने थे, उनको पूरा करने के लिए हम मिल बैठकरके, एक उज्ज्वल भविष्य के लिए, भावी पीढ़ी के निर्माण के लिए समाज सुधार के अपने कामों को निरंतर जारी रखेंगे। यही राजा राममोहन राय जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।’

पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं। पिछले साल लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां शानदार प्रदर्शन किया था और अब उसकी नजर बंगाल की सत्ता पर है। लोकसभा चुनाव के दौरान टीएमसी ने बंगाली बनाम बाहरी का मुद्दा उठाते हुए बीजेपी को घेरने की कोशिश की थी। तब ममता अपनी हर रैलियों में बीजेपी पर बंगाल को गुजरात बनाने की कोशिश का आरोप लगाती थी। पीएम मोदी ने राजा राममोहन राय को याद करके टीएमसी के ‘बंगाली बनाम बाहरी’ और ‘बंगाली अस्मिता’ जैसे संभावित कार्ड का जवाब दिया है। उन्होंने एक तरह से बंगाल की जनता से सीधा कनेक्शन जोड़ने की कोशिश की है और यह संदेश दिया है कि उन्हें और बीजेपी को बंगाली अस्मिता, बंगाली गौरव की फिक्र है।

पीएम मोदी का गूढ़ संदेश समझने के लिए हमें एक साल पीछे चलना होगा जब देश में लोकसभा चुनाव चल रहे थे। 14 मई 2019 को कोलकाता के विद्यासागर कॉलेज में बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के दौरान ईश्वरचंद विद्यासागर की मूर्ति खंडित हो गई। ममता ने बंगाली अस्मिता का मुद्दा बना लिया। उन्होंने और टीएमसी के सभी बड़े नेताओं ने बंगाल के महापुरुषों की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर अपने प्रोफाइल पिक के तौर पर लगा लिया। बंगाली बनाम बाहरी का मुद्दा उछालते हुए ममता बीजेपी पर बंगाल को गुजरात बनाने की कोशिश का आरोप लगाने लगीं। अब इन सभी चीजों को एक साथ जोड़कर देखने पर पीएम मोदी का संदेश साफ नजर आता है।



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