13 माह पुरानी कांग्रेस और जेडीएस की सरकार एक बार फिर संकट में दिख रही है। दोनों ही सत्ताधारी दलों के कुछ विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इससे सरकार गिरने का संकट मंडरा गया है। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने गठबंधन सरकार से इस्तीफा मांगा है। सरकार ने असंतुष्टों को विश्वास में लेने को सभी मंत्रियों से इस्तीफा ले लिया है। लेकिन बागी विधायकों के तेवर नरम नहीं हुए है। a
बागी विधायक पहले कर्नाटक से मुंबई गये और कांग्रेस और जेडीएस की सरगर्मियों को बढ़ता देख वो वहां गोवा चले गये है। कांग्रेस ने भाजपा पर पार्टी के विधायकों की खरीदफरोख्त का आरोप लगाया है। लेकिन भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को बेबुयनयाद बताते हुए कहा कि पार्टी अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद बड़े नेता इस्तीफा दे रहे हैं। यह उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है।
सूत्र बताते हैं कि बागी विधायकों के साथ बीएस येद्दूरप्पा का निजी सचिव काफी समय से देखा जा रहा है।
विधानसभा चुनाव में बीजेपी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी थी। बीएस को विष्वास था कि वो सरकार बनाने के लिये बहुमत जुटा लेंगे इस लिये मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लेकिन दो दिन के अंदर ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा और कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन ने सरकार बना ली। कर्नाटक में गठबंधन सरकार तो बन गयी लेकिन दोनों ही सत्ताधारी दलों के बीच आपसी खींचतान लगातार ही देखी गयी। यह बात सीएम कुमारास्वामी के बयानों में साफ दिखती थी। लेकिन बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिये दोनों ही दल एक दूसरे को झेल रहे थे।
कांग्रेस अध्यक्ष ओर नेता सोनिया गांधी ने यह विश्वास दिलाया है कि कर्नाटक में कांग्रेस व जेडीएस की सरकार का संकट दूर हो जायेगा और सरकार टर्म पूरा करेगी। वैसे भाजपा के नेता भी इस मौके का फायदा उठाने की फिराक में हैं। बागियों को अपने पक्ष में लाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं जिससे प्रदेश में एक बार फिर से सरकार बना सकेंं