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देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 2019-20 में 13 प्रतिशत बढ़कर 49.97 अरब डॉलर हो गया। इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में देश को कुल 44.36 अरब डॉलर का एफडीआई प्राप्त हुआ था।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक समीक्षावधि में देश के सेवा क्षेत्र ने 7.85 अरब डॉलर, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र ने 7.67 अरब डॉलर, दूरसंचार क्षेत्र ने 4.44 अरब डॉलर, व्यापार क्षेत्र ने 4.57 अरब डॉलर, वाहन क्षेत्र ने 2.82 अरब डॉलर, निर्माण क्षेत्र ने दो अरब डॉलर और रसायन क्षेत्र ने एक अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया।
इस दौरान सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सिंगापुर से 14.67 अरब डॉलर प्राप्त हुआ। इसके बाद मॉरीशस से 8.24 अरब डॉलर, नीदरलैंड से 6.5 अरब डॉलर, अमेरिका से 4.22 अरब डॉलर, केमेन द्वीप से 3.7 अरब डॉलर, जापान से 3.22 अरब डॉलर और फ्रांस से 1.89 अरब डॉलर का एफडीआई आया।
वित्त मंत्री ने एफएसडीसी बैठक में अर्थव्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया
वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार (28 मई) को वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठक में अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने यह समीक्षा ऐसे समय की है जब कोविड-19 संकट के कारण आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं कोरोना वायरस महामारी के बाद एफएसडीसी की यह पहली बैठक थी। वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली इस परिषद में अरबीआई गवर्नर तथा अन्य वित्तीय क्षेत्रों के नियामक शामिल हैं।
कोरोना से अटकी हैं 21.11 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं: रिपोर्ट
दूसरी ओर, कारोबार की पाबंदियों में सरकार के ढील देने के बाद भी कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित (रेड जोन) 108 जिलों में विभिन्न क्षेत्रों की 21.11 लाख करोड़ रुपए की 8,917 परियोजनाएं अभी भी अटकी हुई हैं। एक सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई है।
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