PM aur CM ki meeting: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) आज मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करके लॉकडाउन (Lockdown) के बारे में आगे की रणनीति तय करेंगे। साथ ही इसपर भी चर्चा होगी कि बंद पड़ी इकॉनमी को रफ्तार कैसे दी जाए।
Edited By Nilesh Mishra | टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated:
- लॉकडाउन के बारे में आज फिर मुख्यमंत्रियों से चर्चा करेंगे पीएम नरेंद्र मोदी
- इस बार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के बारे में भी ली जाएगी सलाह
- लॉकडाउन में छूट के फायदे जानने के लिए मुख्यमंत्रियों से लिया जाएगा फीडबैक
- अगले चरण में नियमों में दी जा सकती है और छूट, मीटिंग के बाद होगा फैसला
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सोमवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली मीटिंग में इसपर चर्चा होगी कि लॉकडाउन (Lockdown) को कैसे खत्म किया जाएगा। अर्थव्यवस्था (Economy) को पटरी पर लाने, कोरोना को काबू में करने, धीरे-धीरे सहूलियत देने संबंधी कई मुद्दों पर गहन चर्चा के लिए यह मीटिंग कई घंटों तक चल सकती है। इसी मीटिंग के बाद यह लगभग तय हो जाएगा कि लॉकडाउन बढ़ेगा या नहीं? अगर बढ़ेगा तो किस रूप में बढ़ेगा और नहीं बढ़ेगा तो वैकल्पिक रणनीति क्या होगी।
इस मीटिंग में महाराष्ट्र और गुजरात में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों पर विस्तार से चर्चा होगी। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया जाएगा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कौन से जरूरी कदम उठाए जाएं। इन दिनों प्रवासी मजदूर अपने घरों को जा रहे हैं। ऐसे में बिना कामगारों के इकॉनमी कैसे रफ्तार पकड़ेगी, यह भी मीटिंग का एक अहम मुद्दा होगा।
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सभी मुख्यमंत्रियों को मिलेगा बोलने का मौका
पिछली मीटिंग में कुछ मुख्यमंत्रियों को बोलने का मौका नहीं मिला था। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस बात पर विरोध भी जताया था। इसी को ध्यान में रखते हुए इस मीटिंग में हर मुख्यमंत्री को बोलने का मौका दिया जाएगा। प्रधानमंत्री राज्यों के मुखिया से इस बात पर फीडबैक लेंगे कि 4 मई के बाद लॉकडाउन में दी गई आंशिक छूट का क्या असर हुआ है। साथ ही वह मुख्यमंत्रियों से यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि लॉकडाउन को कुछ शर्तों के साथ बढ़ाने के बारे में उनके क्या विचार हैं।
रविवार को कई राज्यों के सचिवों ने केंद्रीय कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गॉबा को बताया कि जहां एकतरफ कोरोना से निपटने के उपाय करना जरूरी है, वहीं आर्थिक गतिविधियों को धीरे-धीरे शुरू करना भी बेहद जरूरी हो गया है। हालांकि, केंद्र सरकार इस मसले पर बहुत सतर्क होकर फैसले लेने के मूड में है। अगर केंद्र सरकार इस बात से सहमत हुई कि लॉकडाउन से सचमुच काफी फायदा हुआ है तो एकदम से छूट नहीं दी जाएगी।
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लागू रहेगी रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन की व्यवस्था
केंद्र सरकार का मानना है कि दूसरे राज्यों से अपने गृह राज्य लौट रहे प्रवासी मजदूरों की मॉनिटरिंग जरूरी है, जिससे संक्रमण फैलने से रोका जा सके। उम्मीद जताई जा रही है कि 17 मई के बाद भी रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन का कॉन्सेप्ट कुछ और दिन लागू रहेगा। हो सकता है कि लॉकडाउन के चौथे चरण में राज्य की सीमा के भीतर थोड़ी और छूट दी जाए और सरकारें नियमों में थोड़ी ढील भी दे दें।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना से बुरी तरह प्रभावित गुजरात और महाराष्ट्र पर विशेष ध्यान देंगे। रविवार को केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गॉबा ने राज्यों के सचिवों को बताया कि अभी तक 350 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से लगभग 3.5 लाख लोगों को उनके गृह राज्य पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी भी कीमत पर डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ के आने-जाने पर पाबंदी ना हो और कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जाए।
इकॉनमी पटरी पर लाने के बारे में चर्चा करेंगे पीएम नरेंद्र मोदी
जैसा कि देखा गया है कि संक्रमण के स्तर के हिसाब से राज्यों और जिलों में छूट दी गई है, इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्रियों से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के बारे में चर्चा करेंगे। जिन उद्योंगों को थोड़ी छूट मिल भी रही है, वे भी प्रवासी मजदूरों और कामगारों के चले जाने से काफी समस्याओें का सामना कर रहे हैं।