लॉकडाउन में डाकिये बने ‘पालनहार’, दरवाजे तक पहुंचाया 1000 करोड़ रुपये कैश


Edited By Sujata Kushwaha | टाइम्स ऑफ इंडिया | Updated:

प्रदीप ठाकुर, नई दिल्ली

50 दिनों के लॉकडाउन में भारतीय बैंकिंग सिस्टम ने एक नया रेकॉर्ड बनाया है। अलग-अलग बैंकों के खाताधआरकों के घर तक डाकिये के जरिए 1000 करोड़ रुपये का कैश पहुंचाया गया है। ये रकम लॉकडाउन की अवधि के पोस्ट ऑफिस सेविंग्स बैंक अकाउंट(POSB) के 66000 करोड़ रुपये से अलग है।

ग्राहकों के दरवाजे तक कैश पहुंचाने के मामले में सबसे आगे उत्तर प्रदेश और बिहार पोस्टल सर्कल सबसे आगे हैं। दोनों राज्यों ने इस दौरान क्रमश: 274 करोड़ और 101 करोड़ रुपये का कैश सीधे ग्राहकों तक पहुंचाया। वहीं टॉप 5 में अन्य तीन गुजरात, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश हैं।

23 मार्च से 11 मई के बीच 59 लाख ट्रांजैक्शन्स के तहत 1051 करोड़ रुपये घरों तक पहुंचाया गया। मुख्य रूप से यह रकम कन्टेनमेंट जोन्स्, माइग्रैंट कैंपों और हॉटस्पॉट्स में पहुंचाई गई। इसमें से भी 20 लाख ट्रांजैक्शन्स आधार आधारित पेमेंट सिस्टम(AePS) के जरिए किए गए, जिसमें एक तिहाई यूपी का योगदान रहा।

2 लाख से ज्यादे डाकिये लॉकडाउन में घरों में कैद लोगों तक कैश पहुंचाने में लगे हुए हैं। इस काम में 1.36 लाख पोस्ट ऑफिस और 1.86 AePS डिवाइसेज का इस्तेमाल किया जा रहा है। आईटी व कम्युनिकेशंस मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘AePS इन दिनों गेमचेंजिंग पहल के रूप में उभरा है और इसकी मौजूदगी की वजह से दूरदराज के गावों में लोगों के घरों तक पैसा पहुंच रहा है, वो भी डाकियों के जरिए।’



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