Home National सालिडेररटी टीम का जम्मू कश्मीर दौरा, सेना से कश्मीर को आजाद किया जाये

सालिडेररटी टीम का जम्मू कश्मीर दौरा, सेना से कश्मीर को आजाद किया जाये

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सालिडेररटी टीम का जम्मू कश्मीर दौरा, सेना से कश्मीर को आजाद किया जाये
A press conference organized be soliditery team about Jammu Kashmir on Article 370 and 35a.

जम्मू और काश्मीर का दौरा करने वाली सॉललडेररटी टीम का बयान [कामरेड मैमूना मोल्लाह, आल इंडिया डेमोक्रेटिक वीमेन एसोलसएशन (AIDWA), कविता  कृष्णन, आल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेन एसोलसएशन (ऐपवा), जान द्रेज़, अर्थशास्त्री, विमल भाई, नेशनल अलायन्स ऑफ़ पीपल्स मूवमेंट्स (NAPM)] अनुच्छेद 370 और 35-अ को मोदी सरकार द्वारा निषेध करने, जम्मू और काश्मीर राज्य को भंग करने, और उसे दो संघ राज्य क्षेत्र में विभाजित करने के फैसले की हम स्पष्ट तौर पर निंदा करते हैं। हम ख़ास तौर पर इस ज़मीनी सच्चाई की निंदा करते हैं कि यह सब कुछ जम्मू और काश्मीर की जनता और राजनीलतक नेतृत्व को बंदी बनाकर, और उनकी आवाज़ को दबा कर ककया गया. ऐसे समय में हमने जम्मू और काश्मीर का दौरा करने का फैसला जनता के सार् एकजुटता दर्शाने के लिए किया। हमारा दौरा 9 अगस्त को शुरू होकर 13 अगस्त को ख़त्म हुआ। हमने काश्मीर घाटी को कर्फयूथ के साए के सन्नाटे में ललपटे हुए, तबाही के आलम में पाया, और भारतीय सेना और अर्ध सैनिक बलों की मौजूदगी से लैस पाया। जहां एक तरफ लोगों ने भारतीय सरकार के खिलाफ अपनी पीड़ा, आक्रोश, और विश्वासघात की भावना मिलकर व्यक्त की, वहीं उन्होंने हमारे साथ गर्मजोशी से मेहमान-नवाज़ी कर दोस्ती का हाथ बढाया। हम इसके लिए तहे दिल से उनके शुक्रगुज़ार हैं। भारतीय मीडिया के कुछ समूहो द्वारा “सामान्य हालात ” के दावों को फैलाया जा रहा है, वे सरासर झूठे हैं। यहां तक कि  ईद के दिन भी, लोगों को संगीनों के साये में रहना पड़ा। कश्मीर घाटी में भी भारी तादाद में सैनिक और अर्ध सैनिक बलों की तैनाती की गयी है। इसके फलस्वरूप, ईद के त्योहार के दौरान आमतौर पर पाया जाने वाला उत्सव का माहौल नदारद था और चारों तरफ भय पसरा पडा रहा। भारत में वामपंथी दल, नेशनल एलायंस आफ पीपुल्स मूवमेंटस, ट्रेड यूनियंस छात्र संगठन, महिला संगठन, नगरीय समाज संगठन, और तमाम अन्य नागररकों द्वारा काश्मीर के लोगों से एकजुटता दर्शाते हुए सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। 5 अगस्त को ही सरकारी घोषणा के तत्काल बाद ही कुछ घंटों में दिल्ली और अन्य जगहों पर पहला विरोध प्रदर्शन किया गया। 7 अगस्त को तो पूरे भारत में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए। जिसमें भारत के प्राय: सभी मुख्य नगर, और दर्जनों छोटे-छोटे नगर शामिल हैं। वर्तमान में संपूर्ण जम्मू कश्मीर एक कैदखाना बना हुआ है जिसे सेना के हवाले किया गया है।  भारतीय नागरिक होने के नाते कहना चाहते हें कि जम्मू कश्मीर के नागरिकों के साथ किया जा रहा बर्ताव हम नकारते हैं। साथ ही हम यह भी कहना चाहते है कि भविष्य में भी राजनीतिक फैसले लेते समय यहां के नागरिकों से भी सलाह मशवरा लिया जाये। मौजूदा बिल यहां की जनता की ​इच्छा के खिलाफ लाया गया है। यह अनैतिक और गैरसंवैधानिक भी है।

हमारी मांग है कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35 ए बहाल किया जाये। जम्मू कश्मीर के लिये जब भी कोई अहम् फैसला लिया जाये तो जनता की राय के बिना न लिया जाये। यहां की संचार व्यवस्था तत्काल प्रभाव से बहाल की जाये। पत्रकारों और मीडिया के संस्थानों पर लगी पाबंदी तत्काल प्रभाव से खत्म की जाये।

 

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