सावधान ! बंद हो सकता है आपका PF खाता, EPFO के इन जरूरी नियमों को जानें


जानिए किन परिस्थितियों में आपका पीएफ खाता बंद हो सकता है और अगर अकाउंट बंद हो जाए तो इसमें जमा पैसा कैसे मिलेगा इसकी सारी जानकारी लीजिए…

नई दिल्लीः प्रॉविडेंट फंड हर नौकरीपेशा के लिए उसकी वो संचित पूंजी होती है जो वो जीवनभर काम करके अर्जित करता है. ज्यादातर लोग रिटायरमेंट के बाद के जीवन के लिए पीएफ खाते के पैसे पर निर्भर रहते हैं. हालांकि आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि कुछ नियम ऐसे हैं जिन्हें आप नहीं जानेंगे तो आपका पीएफ खाता भी बंद हो सकता है. यहां हम इसी के बारे में आपको जानकारी देंगे.

EPF खाता क्यों बंद होता है

अगर आपने नौकरी बदली है और आपने अपने पीएफ खाते का पैसा नई कंपनी के खाते में ट्रांसफर नहीं किया तो भी आपका पीएफ खाता बंद हो सकता है. या फिर पुराने पीएफ खाते वाली कंपनी बंद हो गई और खाते में 3 साल या 36 महीने तक कोई लेनदेन यानी ट्रांजेक्शन नहीं हुआ तो आपका खाता खुद ही बंद हो जाएगा. एंप्लाई प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन ऐसे अकाउंट्स को निष्क्रिय खातों की कैटेगरी में डाल देता है.

क्या निष्क्रिय हुए खाते का मतलब है कि आपका पैसा गया?

ये तो साफ है कि निष्क्रिय खाते से पैसा निकालने में परेशानी आती है और इससे पैसा निकालने के लिए आपको ईपीएफओ से संपर्क करना पड़ता है. हालांकि इसका अर्थ ये नहीं कि आपका पैसा चला गया क्योंकि निष्क्रिय खातों में भी आपके पैसे पर ब्याज मिलता रहता है.

कौन से होते हैं निष्क्रिय खाते

जिन पीएफ खातों में 3 साल या 36 महीनों से कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ होता यानी न तो आपकी तरफ से न ही पुरानी कंपनी की तरफ से उसमें कोई अंशदान किया गया हो तो वो इनेक्टिव खातों में बदल जाता है. पहले तो इन इनेक्टिव अकाउंट्स में पड़े पैसे पर ब्याज नहीं मिलता था लेकिन जबसे साल 2016 में ईपीएफओ ने नियमों में बदलाव किया है, निष्क्रिय खातों पर भी ब्याज मिलता है.

कैसे निकलेगा इनेक्टिव खातों से पैसा

इनएक्टिव पीएफ अकाउंट्स से संबंधित क्लेम को निपटाने के लिए उस क्लेम को कर्मचारी के एंप्लॉयर को सर्टिफाइड करना होगा तभी पैसा मिल पाएगा. जिन एंप्लाईज की कंपनी बंद हो चुकी है और क्लेम सर्टिफाइ करने के लिए कंपनी या कोई अधिकारी नहीं है तो ऐसे क्लेम को बैंक केवाईसी दस्तावेजों के आधार पर सर्टिफाई किया जा सकता है.

कैसे ले सकते हैं पैसा

केवाईसी डॉक्यूमेंट्स में पैन कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ईएसआई आइडी कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे डॉक्यूमेंट ले सकते हैं. अगर आपकी पुरानी कंपनी खुली हुई है तो वहां से क्लेम सर्टिफाई होगा. इसके बाद असिस्टेंट प्रॉविडेंट फंड कमिश्नर या किसी अन्य अधिकारी से विड्रॉल या फंड ट्रांसफर की इजाजत ले सकते हैं.

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