नए कृषि कानून के विरोध में लगातार पांचवें दिन आंदोलन पर बैठे किसानों के साथ गतिरोध को खत्म करने के लिए लगातार दूसरे दिन हाई लेबल मीटिंग हुई है। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हुए हैं।
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने हिन्दुस्तान टाइम्स से कहा है कि ऊर से स्पष्ट संदेश है कि कानून किसान विरोधी नहीं है और किसानों को गुमराह किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोहराया कि कानून किसानों के लिे बेहतर अवसर प्रदान करेंगे। अधिकारी ने कहा कि सरकार टेबल पर बैठकर नए कृषि कानूनों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए सोमवार को वाराणसी में कहा कि ”छल का इतिहास रखने वाले लोग नए ”ट्रेंड के तहत पिछले कुछ समय से सरकार के फैसले पर भ्रम फैला रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के खजूरी गांव में ‘छह लेन मार्ग चौड़ीकरण के लोकार्पण अवसर पर संबोधन में कहा, ”पहले सरकार का कोई फैसला अगर किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था लेकिन बीते कुछ समय से हमें नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। अब विरोध का आधार फैसला नहीं, बल्कि भ्रम और आशंकाएं फैलाकर उनको आधार बनाया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, ‘दुष्प्रचार किया जाता है कि फैसला तो ठीक है लेकिन पता नहीं इससे आगे चलकर क्या-क्या होगा। फिर कहते हैं कि ऐसा होगा जो अभी हुआ ही नहीं है। जो कभी होगा ही नहीं उसको लेकर समाज में भ्रम फैलाया जाता है। ऐतिहासिक कृषि सुधारों के मामले में भी जानबूझकर यही खेल खेला जा रहा है। हमें याद रखना है कि ये वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है।’
वहीं, भाजपा किसान मोर्चा के प्रमुख राजुकुमार चाहर ने कहा है कि कानूनों को मुश्किल से लागू किया गया है और उनके प्रभाव का अभी तक पता नहीं चल पाया है, इसलिए लोग इन किसानों को विरोधी कैसे कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान निर्दोष हैं और निहित स्वार्थ वालों द्वारा उन्हें गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोर्चा की पंजाब इकाई किसानों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद कर रही है।