
नयी दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां जोरों पर चल रही हैं। सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी सरकार बनने का दावा कर रहे है। लेकिन चुनावी प्रत्याशियों की उम्मीदवारी को देखते हुए नहीं लग रहा है कि कोई बड़ा बदलाव आने वाला है। भाजपा मोदी के नाम और सीएए के आधार पर चुनाव में उतर गयी है। वहीं कांग्रेस शीला दीक्षित के किये गये काम और विकास के नाम पर चुनाव जीतने का दावा कर रही है। लेकिन सब लोगों के मन में एक यही सवाल आ रहा है कि केजरीवाल का विकल्प कौन हो सकता है।
भाजपा ने भारतीय जनता युवा मोर्चा दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष सुनील यादव को केजरीवाल के सामने नयी दिल्ली से उतारा है। उनका मानना है कि यादव लोकल के नेता हैं। लोगों को ऐसा विधायक चाहिये जो रात दिन लोगों के बीच मुहैया हो उनके दुख सुख में साथ रहे। लेकिन लोगों को सुनील यादव की दावेदारी कमजोर लग रही है। उनका मानना है कि केजरीवाल के आगे सुनील यादव काफी हल्के उम्मीदवार हैं।
ऐसा ही कुछ हाल कांग्रेस प्रत्याशी रोमेश सब्बवाल का है। वैसे तो रोमेश पुराने कांग्रेसी नेता हैं लेकिन विधायक बनने की जो काबिलियत लोग मानते हैं वो शायद नहीं है। वह एक पार्षद का चुनाव लड़ चुके है। लेकिन केजरीवाल के आगे उनकी दावेदारी कहीं भी टिकती नहीं दिखायी दे रही है।
पिछले पांच साल में दिल्ली की आम आदमी सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, ट्रांसपोर्टेशन और बिजली पानी की सहूलियतें दी है। इन सुविधाओं को स्थानीय लोग लाभ उठा रहे है। इसके अलावा केजरीवाल आम आदमी पार्टी के स्टार प्रचारक और दिल्ली के सीएम है। वो एक जनप्रिय नेता हैं चाहे विपक्ष उनके बारे में कुछ भी कहता रहे। लेकिन जनता में आप सरकार में विश्वास बना हुआ है।