नयी दिल्ली। आम चुनाव के प्रचार के दौरान आजम खां ने बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी। इसके चलते चुनाव आयोग ने उन पर कई दिनों तक प्रचार पर बैन लगाया था। तब से आजम खां के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं। यूपी सरकार की आजम खां पर पहले से ही निगाहें टेढ़ी थीं। पिछले कुछ समय में आजम खां के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज कराये गये हैं। राज्य सरकार एण्टी भू माफिया पोर्ट पर आजम खां को भूमि माफिया के रूप में सूचीबद्ध करने की तैयारी में है। 2017 में सत्ता संभालते ही सीएम योगी ने भूमि माफियाओं और जमीन कब्जियाने वाले लोगों को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया था।
पुतलस के अनुसार एमपी आजम खां पर 30 से ज्यादा मामले दर्ज कराये गये हैं। इनमें अधिकतर मामले गरीबों की जमीनें कब्जा करने के हैं।
पुलिस अधिकारी अजय पाल शर्मा के अनुसार जिलाधिकारी और जिले अनेक थानों में आजम खान और उनके सहयोगियों द्वारा जमीन कब्जाने को लेकर दर्ज मामलों की समीक्षा की जायेगी। उसके बाद सरकारी भू माफिया पोर्टल पर नाम दर्ज कराने की सिफारिश की जायेगी।आजम खां समर्थकों का कहना है कि उनके नेता को जानबूझकर निशाने पर लिया जा रहा है। आजम खां ऐसे विपक्षी नेता हैं जो सांसद के तौर पर मोदी सरकार और बीजेपी की कड़ी आलोचना करते हैं। यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है।