नयी दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा के रिजल्ट को आये दस दिन हो चुके है। लेकिन अभी तक प्रदेश में सरकार का गठन नहीं हो सका है। मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना आमने सामने आ गयी हैं। शिवसेना अपने मुख्यमंत्री के लिये अड़ गयी है तो बीजेपी अपने मुख्यमंत्री के नाम की पांच साल के लिये ऐलान भी कर दिया है। इस बीच शिवसेना के दिग्गज नेता संजय राउत ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। इससे यह कयास लगाये जाने लगे कि शायद एनसीपी कांग्रेस के समर्थन से शिवसेना सरकार बनने वाली है। लेकिन एनसीपी के बड़े नेता अजीत पवार ने साफ कर दिया कि जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने को वोट किया है। इसलिये वो सरकार नहीं बनायेंगे बल्कि मजबूत विपक्ष की भूमिका निभायेंगे। एनसीपी की यह बैठक शरद पवार के आवास पर शनिवार को हुई थी।
इसी बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के बड़े नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिख कर प्रदेश में सरकार बनाने का प्रस्ताव भेजा है। सोमवार 4 नवंबर को शरद पवार और सोनिया गांधी मुलाकात होनी है। अनुमान लगाया जा रहा है इस मुलाकात में महाराष्ट्र में सरकार बनाने के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। अगर हालात में कोई सुधार नहीं हुआ तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन के आसार भी हो सकते हैं। सत्ता के इतने करीब पहुंचने के बाद बीजेपी किसी सूरत में छोड़ना नहीं चाहती है। वो नहीं चाहेगी कि प्रदेश में शिवसेना व अन्य के समर्थन की सरकार सत्ता में आये।