
नयी दिल्ली। जब से कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर से रोक की अवधि खत्म हुई है, तब से सीबीआई ने राजीव कुमार को पेश होने का सम्मन कर दिया है लेकिन राजीव कुमार सीबीआई के सामने वो पेश नहीं आये है। सीबीआई ने राजीव कुमार को खोज कर लाने के लिये कई टीम सक्रिय कर दी है। वहीं पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने यह अंदेशा जताया है कि पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की हत्या करायी जा सकती है।
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने शनिवार को आशंका जताई कि कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की हत्या कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इसकी आशंका इसलिए भी क्योंकि राजीव कुमार को सारदा चिटफंड घोटाले में सभी प्रभावशाली लोगों के बारे में पता है। बता दें कि सीबीआई की टीमें कोलकाता और उसके आसपास विभिन्न स्थानों पर कुमार की तलाश कर रही हैं, क्योंकि एजेंसी द्वारा पूछताछ के लिए कई बार समन भेजे जाने के बावजूद वह पेश नहीं हुए। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) कुमार पर आरोप है कि उन्होंने उन कुछ अहम सबूतों को दबा दिया जिनकी सीबीआई को करोड़ों रूपये के पोंजी घोटाले मामले में अंतिम आरोपपत्र दायर करने के लिए जरूरत है। सीबीआई के सामने पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे।
मित्रा ने एक बयान में कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि यदि राजीव कुमार को गिरफ्तार किया जाता है और वह बोलते हैं तो कई प्रभावशाली लोग मुश्किल में होंगे. चिटफंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं एवं मंत्रियों से सीबीआई पूछताछ कर चुकी है और कई को गिरफ्तार कर चुकी है. यही वजह है कि तृणमूल सरकार उन्हें बचाने की कोई कसर नहीं छोड़ रही है. उन्हें चुप करने की कोशिश हो सकती है. हमें आशंका है कि उनकी हत्या की जा सकती है.
उन्होंने कहा कि राजीव कुमार ने तृणमूल सरकार द्वारा 2013 में चिटफंड घोटाले की जांच के लिए बनाये गये विशेष जांच दल की अगुवाई की थी. लेकिन जब 2014 में सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली तब आरोप लगे कि उन्होंने इस घोटाले में संलिप्त कुछ प्रभावशाली लोगों को मदद पहुंचाने के लिए इस मामले में अहम सबूतों को दबा दिया। तृणमूल कांग्रेस ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। सारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज ने निवेश पर अधिक रिटर्न का वादा कर लाखों लोगों को 2500 करोड़ रुपये का कथित रूप से चूना लगाया था।