mehmood ali (1)
People will always remember magical bollywood artist and comedian Memood Ali

काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं तेरे तेरे बाप के साले है। जी हां इस गाने को सुन कर आपके दिलो दिमाग में एक ऐसा कलाकार छा जाता है जिसने भारतीय रुपहले पर्दे पर कई दशकों तक राज किया था। हम बात कर रहे हैं 40 के दशक में भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू करने वाले महमूद अली की जिसने फिल्म किस्मत में अभिनेता अशोक कुमार के बचपन का रोल किया था। लेकिन उनकी जिंदगी में परेशानियों और गुरबत का दौर जारी रहा। उन्होंने अपनी जीविका चलाने के लिये अंडे बेचने से लेकर लोगों के घरों में ड्राइवर की नौकरी की थी। इसके बावजूद उन्होंने ऐक्टिंग का शौक भी पूरा किया। उन्होंने प्रोड्रयूसर पीएल संतोषी के घर पर कार चलाने की भी नौकरी की। उन्होंने महमूद को अपनी फिल्म किस्मत में बाल कलाकार का रोल दिया था।

पहले हिन्दी फिल्मों में कोई कॉमेडी सीन आता तो लोगों के ख्याल में महमूद का नाम आता था। उनके मासूम चेहर और बॉडी लैंग्वेज से बरबस दर्शकों के चेहरे पर मस्कराहट छा जाती थी। या यूं कहा जाये कि 1950 के आगे की फिल्मों में महमूद को कॉमेडी स्टार माना जाता था
हिन्दी फिल्मों जहां पहले अभिनेता और अभिनेत्री का जितना महत्व होता था उतना ही को आर्टिस्ट और हास्य कलाकारों का भी अहम् योगदान होता था। लगभग 70 साल पहले हिन्दी फिल्मों में आवाज नहीं होती थी। कलाकार अपनी भाव भंगिमा से दर्शकों का मनोरंजन करने का प्रयास करते थे। ऐसे में हास्य कलाकारों की विशेष भूमिका होती थी। उस दौर में महमूद अली का नाम हास्य कलाकारों के रूप में जाना माना नाम था। उन्होंने 4 दशक में लगभग 300 फिल्मों में सह कलाकार और कॅमेडी कलाकार के रूप में काम किया। महमूद न केवल सफल कॉमेडियन बल्कि बेहतरीन सह कलाकार, संवेदनशील निर्देशक और डांसर भी थे। उन्होंने कुंवारा बाप नाम से एक फिल्म बनायी जिसे भारी सफलता मिली थी।
महमूद अली का जन्म मुंबई मे रहने वाले मुमताज अली और लतीफुन्निसा के घर में 29 सितंबर 1932 में हुआ था। उनके भाई बहन मीनू मुमताज हास्य कलाकार के रूप में महमूद ने काफी समय तक भारतीय दर्शकों का भरपूर एन्टरटेन किया। महमूद के दो बेटे लकी अली और पकी अली हैं जो बॉलिवुड में सक्रिय हैं। महमूद की यादगार फिल्मों में दो बीघा जमीन, प्यासा, कुंवारा बाप, काजल, भरोसा, पड़ोसन, प्यार किये जा, आंखें, जिद्दी, जब प्यार किसी से होता है, गुमनाम समेत बहुत मूवीज में अपनी बेहतरीन अदाकारी का नमूना पेश किया था।
लेकिन 1990 के दशक में उनके कॅरियर में काफी उतार चढ़ाव देखा गया। उस दौरान कई नये कामेडी कलाकार असरानी, जगदीप, देवेन वर्मा और कादर खान ने बॉलिवुड में एन्ट्री की। ऐसे में महमूद को काम मिलने में परेशानी हुई। उनकी आर्थिक हालत काफी खराब हो गयी। अफसोस की बात थी कि उनकी मौत के समय में उनके अपने रिश्तेदारों ने उनका साथ नहीं दिया। महमूद का निधन 23 जुलाई 2004 में हुआ और दुनिया को हंसाने वाले महमूद रुला कर चले गये।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here