नयी दिल्ली। इंडो जर्मन तकनीक सहयोग के सहयोग के तहत जीआईजेड के साथ मिलकर भारत सरकार के अंतरगत आने वाले विद्युत मंत्रालये के उर्जा दक्षता ब्यूरो ने भवन निर्माण के उर्जा संरक्षण के लिये अतंरराष्ट्रीय सम्मेलन नयी दिल्ली में किया। तीन तक चलने वाले इस सम्मेलन में 16 देशों के स्पीकर, प्रतिनिधि विशेषज्ञ और नीति निर्माता भाग ले रहे है। इस सम्मेलन में राज्य वे केन्द्र के स्थानीय अधिकारियों के साथ साथ टैक्नोलॉजी, विशेषज्ञों, सर्विस प्रोवाइडर्स व कालेज के विद्यार्थियों को भी बुलाया गया है।
इस कान्फ्रेंस में भाग लेने वाले विशेषज्ञ कमर्शियल और आवासीय भवनों को उर्जा कुशल बनाने के लिये भवनों के डिजायनों के साथ तकनीकी विकल्पों पर भी विचार करेंगे। नीतियों के माध्यमों से निर्माण क्षेत्र को उर्जा कुशल बनाने के लिये महत्पूर्ण सुझाव देंगे। यह अनुमान लगाया गया है कि निर्माण भवन में यदि दो हजार अरब का निवेश किया जाये तो आने वाले दस सालों में 388 अरब यूनिट बिजली की बचत हो सकती है।
उर्जा व अनुसंधान संस्थान के महमानिदेशक अजय माथुर, सेकमाल के संस्थापक निदेशक सोनम बांगचुक, प्रो.देव प्रसाद सीआई और सीईओ सीआरसीएल सिडनी के साथ दुनियाभर के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और शिक्षा के क्षेत्र में सिथरता के पहलुओं पर कान्फ्रेंस के जरिये विचार विमर्श करने के लिये यहा एकत्र हुए है।