मोहम्मद इब्राहिम जुबैर मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला है। उसने वहीं से शुरुआती पढ़ाई की और बाद में अमेरिका चला गया और वहां की नागरिकता भी हासिल कर ली। अमेरिकी कोर्ट ने उसे आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने का दोषी ठहराया है।
Edited By Naveen Kumar Pandey | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:
- अमेरिका ने अल कायदा के एक बड़े आतंकवादी को भारत को सौंप दिया
- मोहम्मद इब्राहिम जुबैर को विशेष विमान से अमृसर लाकर क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है
- मूल रूप से हैदराबाद के निवासी जुबैर ने अमेरिका की नागरिकता ले ली है
- अमेरिकी अदालत ने उसे आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का दोषी पाया है
नई दिल्ली
अमेरिका से पिछले दो दिनों से लगातार खुशखबरी मिल रही है। आज पता चला है कि अमेरिका ने अल कायदा के बड़े आतंकवादी मोहम्मद इब्राहिम जुबैर को भारत को सौंप दिया है। उसे 19 मई को ही भारत लाया गया और पंजाब के अमृतसर स्थित एक क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। वहां उससे उसके खिलफ अमेरिकी अधिकारियों की ओर से लगाए गए आरोपों के बारे में पूछताछ की गई। हैदराबाद का रहने वाला जुबैर अल कायदा की फाइनैंसिंग का काम देखता था।
मूल रूप से हैदराबाद का निवासी है जुबैर
जुबैर ने हैदराबाद से ही पढ़ाई की है। बाद में वह अमेरिका चला गया और उसने अमेरिकी नागरिकता भी हासिल कर ली। बाद में आतंकी संगठन अल कायदा में शामिल हो गया और संगठन के खूंखार आतंकवादी अल अवलाकी का सहायक बन गया। अवलाकी का पूरा नाम अनवर नसीर अल अवलाकी है जो यमन मूल का अमेरिकी नागरिक है। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, वह अल कायदा में आतंकवादियों की भर्ती की जिम्मेदारी संभालता है और आतंकवादी हमलों की योजना बनाने में माहिर है।
इसे भी पढ़ें: सीमा विवाद पर भारत के साथ US, तिलमिलाया चीन
जुबैर ने कबूल किया अपना गुनाह
मोहम्मद 2001 में अमेरिका गया था और 2006 में उसने शादी की तथा उसके बाद वह अमेरिका का स्थायी नागरिक बन गया। अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट के अनुसार उसने और उसके दो साथियों ने आतंकवाद खासकर अरब प्रायद्वीप में अलकायदा के नेता अनवर अल अवलाकी की फाइनैंसिंग की बात छिपाने को लेकर अपना गुनाह कबूल लिया। अनवर अल अवलाकी ने अमेरिका के खिलाफ हिंसा की वकालत की और वह नागरिकों के खिलाफ आतंकव़ादी हमलों के प्रयासों में शामिल रहा। हालांकि, अमेरिकी अधिकारी जुबैर के अलकायदा के साथ संबंध स्थापित करने के लिए कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सके हैं।
अमेरिका ने बुधवार को भी दी थी खुशखबरी
ध्यान रहे कि बुधवार को एक सीनियर अमेरिकी डिप्लोमेट ने भारत-चीन सीमा विवाद पर भारत का समर्थन किया। दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों से जुड़ी अमेरिका की वरिष्ठ राजनयिक एलिस जी वेल्स ने थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल से कहा था कि चीन यथास्थिति को बदलने की कोशिश के तहत भारत से लगती सीमा और दक्षिणी चीन सागर में लगातार आक्रामक रुख अपना रहा है। वेल्स के इस बयान पर चीन तिलमिला उठा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान वेल्स की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अमेरिकी राजनयिक की टिप्पणी केवल बकवास है।
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