नयी दिल्ली। पिछले कई माह से दिल्ली का जेएनयू विश्व विद्यालय चर्चा में चल रहा है। लेकिन पांच जनवरी को जेएनयू परिसर और हॉस्टल में घुस कर लगभग 70 गुंडों ने शिक्षकों और छ़ात्र छात्राओं को हिंसा का शिकार बनाया था। इस हिंसक वारदात के विरोध में पूरे देश में छात्र संघ प्रदर्शन कर रह है। इस वारदात से नाराज बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और एचआरडी मंत्री डा.मुरली मनोहर जोशी ने भी चुप्पी तोड़ते हुए यह मांग की है कि जेएनयू के वीसी को अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिये।
उन्होंने यह भी कहा कि वीेसी एम जगदीश ने मनमाना रवैया अपना रखा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दिये गये निर्देशों और मश्वरों को भी अनदेखा कर रहे हैं। जेएनयू में फीस वृद्धि और हास्टल के मैनुअल में बदलाव के विरोध में छात्रसंघ अपना विरोध जता रहे हैं। लेकिन वीसी जगदीश छात्रों से संवाद करने की कोशिश नहीं की है। ऐसे निरंकुश वीसी को अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नही है। इससे पहले पूरे देश में सीएए और एनआरसी के खिलाफ जबरदस्त उबाल है। उसे रद कराने के लिये जन सामान्य, सामाजिक संस्थाएं और स्टूडेंट यूनियन लगातार विरोध जता रहे है।