
नयी दिल्ली। अगले साल बिहार में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। वहां भी राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है। नितीश कुमार बीजेपी के सहयोग से एक बार फिर सीएम बने हुए है। इससे पहले वो लालू और कांग्रेस के सहयोग से मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन दो साल बाद ही उन्होंने महागठबंधन से नाता तोड़ते हुए बीजेपी से गठजोड़ कर लिया और फिर से सीएम की कुर्सी हथिया ली। कुछ लोग तो उन्हें पल्टीमार सीएम भी कहने लगे है। यही वजह है कि वो लगभग डेढ़ दशक से बिहार के मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे है।
आम चुनाव के दौरान बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के बीच काफी बयानबाजी हुई। मसला था कि बिहार में बिग ब्रदर कौन। जेडीयू नेताओं का कहना था कि क्योंकि बिहार में नितीश बाबू की सरकार है तो आम चुनाव में वहीं चुनाव का चेहरा होंगे। बीजेपी का कहना था कि चूंकि केन्द्र में बीजेपी की सरकार है तो पीएम नरेंद्र मोदी ही चेहरा होना चाहिये। मोदी के चेहरे पर बीजेपी ने कई प्रदेशों में सरकार बनाने में सफल हुए है। इसलिये बिहार में भी मोदी बड़े भाई का रोल प्ले करेंगे। केन्द्रीय नेतृत्व की दखल से ये मामला किसी तरह ठंडा किया गया। बिहार में जेडीयू ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया और उनके डेढ़ दर्जन के करीब सांसद बने। बीजेपी ने भी आशानुरूप काफी अच्छा प्रदर्शन किया यहां महागठबंधन बुरी तरह मात खा गया। विपक्ष का यह हाल केवल बिहार ही में नहीं बल्कि पूरे देश में देखा गया। कांग्रेस के लिये आम चुनाव सबसे बुरा साबित हुआ पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल अपनी पैतृक सीट अमेठी से चुनाव हार गये। ये बात और है कि केरल के वायनाड से वो चुनाव जीत कर संसद पहुंच गये।
जैसे जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं वैसे वैसे जदयू और बीजेपी के नेताओं के बीच कहासुनी और बयानबाजी शुरू हो गयी है। बीजेपी को इस बात का गुमान है कि भाजपा ने दोबारा भारी बहुमत से आम चुनाव में भारी सफलता प्राप्त की है। इस बार भाजपा के 300 से अधिक सीटों जीत हासिल की है जो भाजपा के लिये ऐतिहासिक है। वहीं जेडीयू ने भी पहली बार इतनी सीटों पर जीत हासिल की है। अब दोनों ही दलो में इस बात को लेकर कहासुनी हो रही है कि अगला सीएम का उम्मीदवार किस दल का होगा। बीजेपी का मानना है कि नितीश कुमार काफी समय से सीएम की गद्दी संभाल रहे है। अब बीजेपी का उम्मीदवार मुख्यमंत्री बनेगा। लेकिन इसके लिये जेडीयू इसके लिये तैयार नहीं दिखती है।
बिहार में कुछ महीनों बीमारियों और प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप चल रहा है। पहले चमकी बुखार के चलते बिहार में काफी संख्या में बच्चों की मौत हो गयी। ऐसे में जनता ने प्रदेश सरकार के मंत्रियों और विभागों की काफी आलोचना की। यहां तक की सुशासन बाबू के कामकाज पर जनता ने उंगलियां उठायीं। ऐसे में मोदी सरकार के कुछ मंत्रियों ने बिहार सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया। इससे दोनों दलों के बीच खटास देखी गयी। इधर बाढ़ के प्रकोप से बिहार काफी प्रभावित हुआ और काफी धन जन की क्षति हुई। ऐसे में भी मोदी सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह ने एक विवादित बयान दिया जिससे जेडीयू के तन बदन में आग लग गयी। इन हालातों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि जेडीयू और बीजेपी में कुछ तो गड़बड़ चल रहा है।