नयी दिल्ली। भाजपा के दिन आजकल अच्छे नहीं चल रहे है। पहले महाराष्ट्र और उसके बाद अब झारखंड में उनके घटक दल उनसे दूर होते जा रहे है। महाराष्ट्र में शिवसेना ने उनसे नाता तोड़ा और झारखंड में उनके पुराने साथी आल झारखंड स्टूडेंट यूनियन ने एनडीए को बाय बाय कर दिया है। जब शिवसेना ने बीजेपी का साथ छोड़ा तो बीजेपी ने कहा कि वो शिवसेना की शर्त नहीं मान सकते थे इसलिये उनसे एनडीए का रिश्ता टूटा। अब यही बात आजसू के लिये भी कहा जा रहा है कि आजसू की मांग नाजायज है अत: वो एनडीए से हटा दिये गये है। यह गठबंधन उस वक्त टूटा है जब कि विधानसभा चुनाव सिर पर है। आजसू ने बीजेपी से 17 सीटें मांगी थी लेकिन बीजेपी इतनी सीटें देने की स्थिति में नहीं है। वो अधिक से अधिक 10 सीटें ही आफर कर रही थी। लेकिन आजसू 17 से कम पर राजी नहीं हुई और बीजेपी और आजसू के बीच गठबंधन टूट गया। अब बीजेपी सभी 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार लड़ायेगी।
इसी माह झारखंड में विधानसभा के चुनाव का पहला चरण होने वाला है लेकिन एनडीए का कुनबा ही बिदकने का सिलसिला शुरू हो गया है। सबसे पहले आल झारखंड स्टूडेंट यूनियन ने बीजेपी की दादागिरि पर आंखे तरेरते हुए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जिससे भाजपा को बेहद परेशानी होने वाली है। वैसे भाजपा का शीर्ष नेतृत्व आजसू से मोलभाव के फिराक में है। बीजेपी की ओर आजसू को 10 सीटें देने को तैयार हो गयी थी। लेकिन आजसू 17 सीटों पर चुनाव लड़ने का मूड बना चुकी है। अगर हालात नहीं सुधरे तो बीजेपी के लिये परेशानी हो सकती है। बीजेपी अब तक 53 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर चुकी है। एक जगह हुसैनाबाद में बीजेपी अपना प्रत्याशी का नामांकन नहीं करवा पायी इसलिये वहां वो निर्दलीय प्रत्याशी विनोद सिंह को समर्थन देगी।
आजसू ने चक्रधरपुर से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इस सीट से भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। आजसू ने जिन चार जगहों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने की घोषणा की वहां भाजपा पहले ही अपने उम्मीदवार ऐलान कर चुकी है। बीजेपी को भी आजसू के प्रभाव की जानकारी है इसलिये वो आजसू से मिलकर मतभेद दूर करने का प्रयास करेगी। लेकिन हालात ऐसे नहीं लग रहे हैं कि भाजपा और आजसू के बीच बात बन पाये। इससे पहले आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो दो बार दिल्ली आ चुके हैं लेकिन भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात होने के बाद भी बात नहीं बन सकी है।