Rafael Deal Case – The Supreme Court has been rejected All review Petitions
नयी दिल्ली। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील (Rafael Deal Case) मामले में केन्द्र सरकार को बड़ी राहत देते हुए कहा कि याचिकाओं में मेरिट नजर नहीं आ रही है। पिछले साल के 14 दिसंबर के उस फैसले को लेकर पुन: विचार की कई याचिकाएं दायर की गयी थीं। पिछले साल एससी ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से 36 लड़ाकू विमान खरीदने के मामले में केन्द्र सरकार को क्लीन चिट दी थी।
इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसफ की पीठ ने इस संवेदनशील मुद्दे पर 10 मई को सुनवायी की थी और वर्डिक्ट रिजर्व कर लिया था। यह कहा गया था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा। गुरुवार को इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि सवाल यह है कि आप ललिता कुमारी फैसले का पालन करने के लिये बाध्य नहीं हैं या नहीं। अटार्नी जनरल केके वेणूगोपाल ने पीठ से कहा था कि प्रथम दृष्टया एक मामला होना चाहिये अन्यथा एजेंसियां आगे नहीं बढ़ सकती हैं। सूचना में संज्ञेय अपराध का खुलासा होना चहिये।
जस्टिस जोसेफ ने पहले सौदे का हवाला देते हुए केन्द्र से पूछा था कि राफेल पर फ्रांससी प्रशासन के साथ अंतर सरकारी समझौते में तकनीकी हस्तांतरण का सब क्लाज क्यों नहीं है। विधि अधिकारी ने कहा कि अदरलत इस तरह के तकनीकी पहलुओं पर फैसला नहीं कर सकती है। उन्होंने आगे कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। दुनिया की किसी अन्य अदालत में इस तरह के तर्कों पर रक्षा सौदे की जांच नहीं करेगी।