नयी दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव आ गये और यह भी तय हो गया कि बीजेपी की सरकार बनने वाली है। लेकिन जिस प्रकार का शानदार जीत का भरोसा बीजेपी को था जनता ने उन्हें उस तरह की वोट नहीं दिया। इस बार के चुनाव में जनता ने विपक्ष को भी भरपूर मौका व वोट किया यही वजह है कि भाजपा ओर शिवसेना का 225 पार का सपना और दावा दोनों ही झूठे हो गये। चुनाव रिज्ल्ट आने के बाद ही पीएम मोदी ने यह ऐलान कर दिया कि फणनवीस ही इस बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। उन्होंने शिवसेना के साझा सरकार वाले दावे को दरकिनार करते हुए पूर्ण काल के लिये सीएम देवेंद्र ही रहेंगे। मोदी के इस ऐलान के बाद ही शिवसेना रूठ गयी है। शिवसेना के सभी विधायक इस बात की मांग करने लगे हैं कि इस बार युवा नेता आदित्य ठाकरे बनें। इसके लिये मुबई के कई इलाकों में पोस्टरबाजीभी की गयी है।
वैसे तो शिवसेना और भाजपा में ननद भौजाई का रिश्ता है। रूठने मनाने का दौर चलता रहता है। लेकिन बाद में दोनों एक ही मंच से चुनाव लड़ते है। लेकिन ड्रामा पूरा किया जाता है। यह देखा गया है कि सरकार में शामिल रहने केे बाद भी शिवसेना सरकार की फजीहत करने से बाज नहीं आती है। अक्सर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पीएम मोदी की नीतियों और योजनाओं के बारे में तल्ख टिप्पयिां करते रहते है। लेकिन यह पहली बार हुआ है कि ठाकरे परिवार का कोई सदस्य सीधे चुनाव के मैदान में उतरा है। सभी लोग यह चाह रहे हैं कि इस बार मुख्यमंत्री शिवसेना का हो। शायद इस बार शिवसेना समझौता करने के मूड में नही दिख रही है।
एनसीपी और कांग्रेस भी ऐसे ही मौके के तलाश में है कि किसी तरह भाजपा की सरकार महाराष्ट्र में न बने। इसलिये वो शिवसेना को सपोर्ट करने से पीछे हटेंगे। यह भी सुना जा रहा है कि इसके लिये शिवसेना से भी बातचीत भी शुरू कर दी है। शिवसेना और भाजपा के बीच की दूरियां भी अब जगजाहिर होने लगी है। इन हालातों को देखते हुए यह लगने लगा है कि भाजपा को इस बार मुंह की खानी पड़ सकती है। इस बार भाजपा को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें प्राप्त हुई हैं। ऐसे में यदि कांग्रेस और एनसीपी शिवसेना को सपोर्ट कर देती हैं तो भाजपा का महाराष्ट्र में दोबारा सत्ता पाने का सपना चूर हो सकता है। शिवसेना और भाजपा के रिश्तों में दरार साफ दिखने लगी है। वैसे भाजपा के अध्यक्ष शाह के लिये कुछ भी मुमकिन नहीं। हरियाणा में भी जेजेपी को अपने पक्ष में करने वो शाह सफल हुए हैं और खट्टर एक फिर हरियाणा के मुख्यमंत्री बनने जा रहे है।