पंजाब सरकार ने लॉक डाउन के तीसरे चरण मे सबसे पहले केन्द्र सरकार से शराब की बिक्री खोलने की मांग की थी। केन्द्र ने प्रदेशों की मांग पर लॉक डाउन के तीसरे चरण की शुरुआत से ही शराब की दुकानें खोलने के आदेश दे दिये थे। लेकिन पंजाब सरकार की समस्या का कोई निराकरण नहीं हुआ है। पूरे पंजाब में केवल 10 से 15 फीसद शराब के ठेके खुल रहे है। इससे प्रदेश सरकार के राजस्व में भारी कमी देखी जा रही है। लॉक डाउन से पहले पंजाब सरकार को शराब की बिक्री से 4500 हजार करोड़ का राजस्व मिलता था लेकिन शराब दुकान की बिक्री शुरू तो हुई है लेकिन राजस्व में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। इसके पीछे यह माना जा रहा है कि शराब दुकान के मालिक केन्द्र सरकार के कमीशन को लेकर काफी नाराज दिख रहे है। इस वजह से सारे शराब के ठेके खुल नहीं रहे है। इससे पंजाब सरकार के हाथ पांव फूल गये है।
वहीं यूपी में शराब की बिक्री शुरू होने वाले दिन ही लगभग 40 करोड़ के राजस्व की खबर मिली थी। दिल्ली में तो सीएम केजरीवाल ने शराब की बिक्री को देखकर 70 प्रतिशत कोरोना टैक्स भी लगा दिया। लेकिन शराब की दुकानों के आगे लगी भीड़ कम नहीं हुई। ऐसे हालात में तो दिल्ली समेत हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश राजस्थान समेत अनेक प्रदेश सरकारों ने शराब की आन लाइन बिक्री श्ुारू करने का ऐलान कर दिया है। इससे लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करवाया जा सकता है।