#Indian Political updates# PM Modi & Sahah# Rahul Gandhi# Cm Kejrewal# Gen. Electionon 2024# Election Commission# General Voting in 21 states#  NDA VS India#

​2024 के आम चुनाव सामान्य इलैकश्न नहीं है इसमें सत्ताधारी और विपक्ष की साख दांव पर लगी है वहीं सत्ताधारी हर हाल में देश पर काबू पाना चाह रही है। इसे सामान्य चुनाव किसी सूरत में नहीं माना जा सकता है। सत्ता ने सारी संवैधानिक संस्थाओं को अपने अंदर समाहित कर लिया है। अब देखना यह है कि सत्ता पर जनता किस हद तक भरोसा करती है। वो सत्ता को स्वीकार करेगी या दूसरे पक्ष को सत्ता थमायेगी। पहले चरण के मतदान से एक बात तो यह है कि दोनों ही दलों गठबंधनों के लिये पनघट की राह बड़ी कठिन है। 21 राज्यों मेे 102 सीटों पर लोकसभा चुनाव के लिये मतदान कुछ जगहों पर छोड़ कर मतदान शांति​ पूर्ण ढंग से कराने का दावा दिया गया है। एक जगह में ईवीएम को आग लगाने और काफी महिलाओं ने डीएम आफिस पर प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ और प बंगाल में कुछ स्थानो पर मतदान प्रभावित करने की घटनाएं तथा बूथ लूटने की बात कही गयी है। वैसे कुछ लोगोंं का तो मानन है कि देश का यह आखिरी चुनाव होगा यदि इस बार मोदी जी है तो इसके आगे कोई आम चुनाव नहीं होगा वैसे भी मोदी सरकार इस बात के लिये तैयारी कर रही है कि देश में केवल एक चुनाव होगा। वन नेशन वन इलैक्शन। वैसे एक बात और है कि जनता में अब राहुल गांधी के बयानों की चर्चा होने लगी है सबको रोटी रोजी शिक्षा बेरोजगार और स्वाथ्य की चिंता सताने लगी है। इन सबकी खूब चर्चा भी हो रह है।

Election Commission given notice to RahulGandhi on panouti issue
Election Commission given notice to RahulGandhi on panouti issue

मतदान में वोट प्रतिशत क्यों गिर रहा है
यह देखा जा रहा है ​प्रथम चरण के लिये 21 राज्यों की 102 सीटों पर मतदान हुआ है। इस चरण में लगभग 60 प्रतिशत मतदान हुए है। लगभग सभी जगह मतदान का प्रतिशत कम हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि विपक्ष के पास खोने के लिये कुछ भी नहीं है। लेकिन सत्ता अगर हाथ से चली गयी तो बीजपी का तो सपना ही टूट जायेगा। विकसित भारत का जो सुनहरा सपना देशवासियों को नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने दिखाया है उसका क्या होगा। मोदी सरकार देशवासियों को 23 साल आगे के सपने दिखा रही है उसे इस बात की चिंता नही है कि वर्तमान में देश के 83 प्रतिशत लोग बेरोजगार हैं। देश कर्ज से सराबोर है उसकी सरकार को कोई चिंता नहीं है। सब कुछ विज्ञापनों के सहारे चल रहा है। देश के कोने कोने में नरेंद्र मोदी का चेहरा चमकाया जा रहा है। इसके बावजूद पूरे देश में जो रहस्यमयी चुप्पी छायी हुई है उससे साफ जाहिर हो रहा है कि कुछ ऐसा होने वाला है जो लोगों को चौंकाने वाला है। सिर्फ डेढ़ माह से कम का समय रह गया है गुब्बारो के हवा निकल जायेगी।
महंगायी से परेशान जनता विकल्प की तलाश में
अफसोस की बात यह है कि सत्ता पक्ष और समर्थक उस जोश ओ खरोश से वोटिंग करने नहीं जा रहे हैं जिस तरह दलित और मुस्लिम वोटर एक साथ इंडिया गठबंधन की ओर झुके हुए हैं। ये बात हो रही है कि आम जनता को अब महंगाई, रोजगार और स्वास्थ्य के साथ बदहाल शिक्षा अब सताने लगी है। पिछले दस सालों में लोगों ने धर्म आस्था और मंदिर को खूब पहना ओढ़ा और समज में फैलाया भी। लेकिन जब घर से जरूरी बुनियादी सामान ही गायब दिखने लगे तो भूख की आग पूजा पाठ या भजन कीर्तन से नहीं होती है। पेट की भूख तो केवल रोटी रोजी से ही मिटती है।
चुनाव से विपक्ष को किया गया गायब
इंडिया गठबंधन को सत्ता ने बिल्कुल लाचार कर दिया है। विपक्ष को सत्ता ने हर ​तरह से विपन्न कर दिया है। नेताओं को जांच एजेसियां पीएमएलए के फर्जी मामलों में सालों से डाल रही है। वहीं दागदार नेता बीजेपी के इशारों पर अपनी पार्टी छोड़ कर सत्ता का दामन रहे है। कांग्रेस जो कि देश के सबसे पुरानी पार्टी है उसके खालो को ठीक उस वक्त सीज किया जब कि सिर पर चुनाव थै। ताजा हालात के समझने में जनता को देर नहीं लग रही है कि अब राजनीतिक शत्रुता की वजह से इंडिया गठबंधन के नेताओं को जांच एजेंसियों के फेर में फंसा किस जेल भेजा जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here