पिछले साल सितंबर में उच्चतम न्यायालय ने सबरीमला मंदिर (
Sabarimala Temple
) में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर आदेश किया था। इस फैसले के विरोध में 65 लोगों ने रिव्यू पिटीशन दायर की हैं। गुरुवार को सुप्रीम ने इन पुन:याचिकाओं की सुनवायी पर यह आदेश दिया कि अब इस मामले की सुनवायी सात सदस्यीय जजों की पीठ करेगी। साथ ही यह कहा कि पिछला आदेश अगली सुनवायी तक लागू रहेगा। पिछले साल यह फैसला 3 के मुकाबले दो से पारित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एससी के फैसले सभी के लिये बाध्यकारी हैं। इसके साथ ही पिछला आदेश बरकरार रहेगा।
मालूम हो कि सबरीमला मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ ने फरवरी में बहस पूरी कर ली थी। इसके बाद फैसला सुरक्षित कर लिया गया था। रिव्यू पिटीशन में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पुन:विचार करने की मांग की गयी थी। पीठ ने केरल सरकार, त्रावणकोर देवासम बोर्ड, नायर सर्विस सोसाइटी व अन्य सहित सभी पक्षों को सुना था। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि वह यह आदेश देगी कि फैसले पर दोबारा विचार करेगी या नहीं।