नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 4800 करोड़ की अल्पसंख्यक योजनाओं पर केन्द्र से जवाब मांगते हुए तल्ख टिप्पणी की है। अल्पसंख्यक योजनाओं में हो रहे 4800 करोड़ के खर्च के बारे में सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। इस याचिका में अल्पसंख्यक आयोग की वैधानिकता पर भी सवाल उठाये गये है। वहीं केन्द्र सरकार के वकील केके वूणुगोपाल ने कहा कि इस मामले को संवैधानिक पीठ को भेजना चाहिये।

याची नीरज शंकर सक्सेना ने एससी में रिट दायर कर अल्पसंख्यक समुदायों के लिये 4800 करोड़ रुपये की योजनाओं को चुनैती दी है। याचिका में यह भी कहा  गया है कि ये योजनाएं आर्टिकल 14, 15 और 27 का उल्लंघन करती है। सरकार को कोई अधिकार नहीं कि वो इंडियन टैक्स पेयर के पैसों को धर्म विशेष पर खर्च कर सकें। केन्द्र सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों के लिये 4800 करोड़ की योजनाएं चलाई हैं जिसमे स्किल इंडिया, नयी मंजिल योजना, हमारी धरोहर आदि है।

सु्प्रीम कोर्ट में चल रही सुनवायी के दौरान तीन जजों की पीठ ने यह आदेश दिया कि मार्च में इस मामले पर सुनवायी होनी है। अगर कोर्ट को लगेगा तो इसे संवैधानिक पीठ को भी भेजा जायेगा। इससे पहले सरकार के वकील केके वेणुगोपाल ने कहा था कि इस मामले को संवैधानिक पीठ को भेज देना चाहिये।

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