पिछले कई माह से सुप्रीम कोर्ट में लगातार राम मंदिर व बाबरी मस्जिद मामले पर सुनवायी चल रही थी। पांच जजों की पीठ ने उस पर आये फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था। 17 नवंबर को इस मामले पर फैसले को सुना दिया जायेगा। ऐसे में भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में इस फैसले को लेकर काफी जिज्ञासा है। बहुसंख्यकों व अल्पसंख्यकों में भी काफी बेचैनी है। लेकिन केन्द्र की बीजेपी सरकार इस मामले को लेकर काफी शांत दिख रही है। दीपावली के दिन मन की बात में पीएम मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को लेकर लोगों को संयम बरतने की सलाह दी थी। उन्होंने रामभक्तों और हिन्दूवादी संगठनों से भी किसी प्रकार के प्रदर्शन व प्रतिक्रिया व्यक्त न करने की अपील की है। इस बात से साफ झलकता है कि मोदी सरकार किसी भी प्रकार के निर्णय के लिये तैयार है। यदि निर्णय उनकी आशा के विपरीत आता है तो भी और पक्ष में आता है तो भी। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि मोदी सरकार और भाजपा के दोनों हाथों में लड्डू हैं।
मान लीजिये सुप्रीम कोर्ट का निर्णय उनके पक्ष में नहीं आता है। सरकार और पार्टी कहेगी कि वो राम मंदिर निर्माण के लिये हमेशा तत्पर है। लेकिन संविधान और सर्वोच्च न्यायालय ने हमारी मंशा पर अंकुश ला रखा है। हम दोनों की इज्जत और सम्मान करते हैं। उनके निर्णय को हम मानेंगे। इससे सरकार की जनता में और भी साख बन जायेगी। खासतौर से मंदिर निर्माण को लेकर अभियान चलाने वाले हिन्दूवादी संगठन ओर उनके पक्षधरों में। ये लोग अदालत पर आस्था का दबाव बनाना चाहते है। आगे चलकर ये लोग भाजपा सरकार को काफी मदद कर सकते है। वैसे तो मोदी सरकार यह कह रही है कि 17 तारीख को निर्णय कुछ भी आये हमे आपा नहीं खोना चाहिये। लेकिन दूसरी ओर मंदिर समर्थको को वो इशारा कर रहे हैं कि वो कुछ भी करने के लिये आजाद है। अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की उन्हें स्वतंत्रता है। कोई भी उनकी आस्था और भावनाओं से खिलवाड़ नहीं कर सकता है।
दूसरी ओर यदि फैसला उनके पक्ष में आता हे तो वो पूरी दुनिया को यह बताने से नहीं चूकेंगे कि कैसे उन्होंने बहुसंख्यकों की आस्था के लिये सुप्रीमकोर्ट तक लड़ाई लड़ी। भले ही इसके लिये मोदी सरकार को कितने पापड़ बेलने पड़े। भाजपा और उनके समर्थक दलों की तो बांछें खिल जायेगी। पूरे देश में विजय जुलूस निकाल कर अल्पसंख्यकों को इस बात का एहसास दिलायेंगे कि अब हिन्दू राष्ट्र बन कर रहेगा। बहुसंख्यक देश में उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक बन कर रहना होगा। मोदी राज में रहना तो वंदे मातरम् कहना होगा।