केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में आंदोलन कर रहे किसानों ने मंगलवार को मोदी सरकार से बातचीत की। कृषि मंत्री समेत केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों ने बैठक में हिस्सा लिया। सरकार और किसान के साथ इस बातचीत में विभिन्न किसान संगठनों के 35 नेता भी मौजूद थे। हालांकि, दो घंटे लंबी चली बातचीत का कोई हल नहीं निकल सका, जिसके बाद 3 दिसंबर को फिर से बातचीत होगी। बैठक के दौरान, सरकार ने किसानों की मांगों पर गौर करने के लिए एक कमेटी गठित करने की पेशकश की। लेकिन, सरकार के इस प्रस्ताव पर आंदोलनरत 35 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की ओर से ठंडी प्रतिक्रिया मिली। 

किसान नेताओं ने की कानूनों को निरस्त करने की मांग

न्यूज एजेंसी भाषा के सूत्रों के अनुसार, किसान प्रतिनिधियों के साथ दो घंटे चली बैठक में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की एक राय थी कि तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए। किसानों के प्रतिनिधियों ने इन कानूनों को किसान समुदाय के हित के खिलाफ करार दिया। प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि केंद्र सरकार के कृषि संबंधी कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था ध्वस्त हो जायेगी और किसानों को बड़े औद्योगिक घरानों की दया पर छोड़ दिया जायेगा। हालांकि, सरकार लगातार यह कह रही है कि नए कानून किसानों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे और इनसे कृषि में नई तकनीकों की शुरुआत होगी।

तीन दिसंबर को फिर होगी बातचीत

किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई बातचीत का कोई हल नहीं निकल सका। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक से बाहर निकलकर कहा कि एक बार फिर से 3 दिसंबर को बातचीत होगी। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ”हम चाहते थे कि एक छोटा सा समूह बनाया जाए, लेकिन किसान नेता चाहते हैं कि सभी से बातचीत हो। हमें इससे कोई समस्या नहीं है।” वहीं, बीकेयू (एकता उगराहां) अध्यक्ष जोगिंद्र सिंह उगराहां ने कहा कि सरकार की प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ बातचीत बेनतीजा रही है।

मोदी सरकार के तीन मंत्रियों ने लिया बैठक में हिस्सा

किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ दिल्ली के विज्ञान भवन में बैठक के लिए मोदी सरकार के तीन मंत्री मौजूद रहे। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ रेलवे और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश (जो पंजाब के एक सांसद भी हैं) उपस्थित थे। बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचने पर तोमर ने संवाददाताओं से कहा, ”हम उनके मुद्दों को हल करने के लिए चर्चा के लिए तैयार हैं। देखते हैं क्या निकलता है।” उन्होंने आगे कहा कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की बात सुनने के बाद सरकार उनके समस्याओं का समाधान निकालेगी।





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